मेरे मित्र

Monday, June 17, 2013

तबाहियां

तबाहियों के मंजर
हमेशा से समाचार चेनलों में
देखे थे............
पर आज कल तो ये मंजर
आम जीवन का हिस्सा हो गए हैं
हाँ
रोज दिखते हैं
रोज महसूस करती हूँ मैं इन्हें
अपने जीवन में ............

साथ

कल तक
चारों और
बस निराशा और बस अन्धकार
कुछ न करने की चाह
जीवन से विरक्ति
खाली हाँथ
खाली मन
और
खाली मस्तिष्क
लिए मैं
अपनी ही गलतियों के परिणाम
ढो रही थी .........
शायद तुम न समझ सको
पर तुम्हारा न होना
मेरा ना होना है ,
खुद को खो देने जैसा .......

फिर अचानक क्या हुआ की
आज फिर
खुद को ,
हिमालय के शिखर पर
पाती हूँ मैं ,
विजय ध्वज लहराते हुए ,
उल्लासित ह्रदय से ,

क्यूंकि
तुम अब साथ हो मेरे |

Monday, June 10, 2013

गुहार है

पित्जा खाने वालों से गुहार है ,
रोटी की भी कहीं कहीं मार है |
जो रहता है ए सी में वो क्या जाने ,
गर्मी से लाखों का बुरा हाल है |
देश गरीब हो रहा लेकिन नेता खेलें लाखों में ,
रोज बढ़ रहे दाम आम के बैठे हैं हम फाकों में ,
घूम रहा अम्बेसडर में वो क्या जाने ,
संसद के बाहर जनता बेहाल है ,
पित्जा खाने वालों से गुहार है ......................

नान , पनीर ,कबाब , कोफ्ता खा कर काफी पी कर ,
निकला बड़े बाप का बेटा बी.एम् .डब्लू लेकर ,
वो अमीर का लाल बात ये भूल गया ,
जिसके प्राण लिए तफरी में वो भी माँ का लाल है ,
पित्जा खाने वालों से गुहार है ......................

कल तक हर घर में नवरात्रों पर पूजा था हमने जिनको ,
पैर पकड़ कर आशीष लिया था आज तज दिया उनको ,
फेंकने वाला उन्हें फेंक कर भूल गया
बेटे की तरह उनमे भी जान है ,
पित्जा खाने वालों से गुहार है ......................

Friday, May 24, 2013

तुझे मिटना है

ये बताने के लिए कौन किसका कितना है ,
प्यार दिखलाना है पड़ता ह्रदय में जितना है |
मौन की राह पर मंजिल नहीं मिलती अक्सर ,
हक़ से उस नाम के साथ नाम तुझको लिखना है |
दौर इस तरह का है दोस्त मेरे सुन ले तू ,
कुछ भी पाने के लिए रोज़ तुझको बिकना है |
प्यार वरदान है पर इतनी परीछा लेगा ,
जिंदा रहने की कसम खा के तुझे मिटना है |
 

Saturday, May 18, 2013

जीवन दर्शन

सुधरने और बिगड़ने का भी सब का वक़्त होता है ,
कोई बचपन की गलती फिर बुढ़ापे में नहीं करता |
जिसने कल तलक झेली हो पर्दों की कमी घर में ,
किसी नंगे बदन को और वो नंगा नहीं करता |

की जिस बच्चे ने आँगन में छिड़ी देखी महाभारत ,
वो बच्चा फिर किसी भी बात पर दंगा नहीं करता |


हो जिसकी ज़िन्दगी में प्यार के रंगों की फुलवारी
वो अपने कैनवस को फिर कभी रंगा नहीं करता |

अगर इंसानियत इंसान में आ जाये तो फिर वो ,
किसी की माँ के आँचल को कभी गन्दा नहीं करता |


Wednesday, May 15, 2013

नयी शुरुआत

फिर नए उत्साह से मैंने नयी शुरुआत की है ,
आज के इस अंशुमान ने नयी प्रभात की है |

है जगे कुछ स्वप्न नयनो के तले जो सो रहे थे ,
और निद्रा की गली में बेवजह ही रो रहे थे ,
आज फिर मेरे ह्रदय ने प्रेम की बरसात की है ,
फिर नयी शुरुआत की है |

पर कटे पंछी हुए थे आसमा को तक रहे थे ,
और अपने भाग्य को हम रोज ताने कस रहे थे ,
आज गुरु के शब्द से मैंने नयी उड़ान ली है ,
फिर नयी शुरुआत की है |

कौन कहता है मुझे अब रोक लेगा विश्व सारा ,
मैं समंदर बन गयी हूँ बांध है और न किनारा ,
आज फिर मैंने मेरी पायल से एक झंकार की है ,
फिर नयी शुरुआत की है |

Monday, May 13, 2013

ऊर्जा

मुझे परिवर्तित करने में
निरंतर लग्न हो तुम ,
कभी मेरी हंसी को ,
कभी मेरी बोली को ,
कभी मेरे वाद विवाद को ,
कभी मेरे ह्रदय के सुख और विषाद को ,
मेरे पहनने के ढंग को ,
मेरे चेहरे के रंग को ,
मेरे गाये राग को ,
तुझसे किये गए मेरे हर संवाद को ,

कितनी ऊर्जा है तुममे ,
तुम खुद को शाश्वत बनाने की प्रकिया छोड़ ,
संलग्न हो
मुझे परिवर्तित करने में|