तनहाइयों का दर्द
तुम क्या जानो ,
तुमने तो हर बार ,
एक से अलग होने से पहले ,
दुसरे को ढूंढ लिया था ,
और किसी को फर्क भी न पड़ा था
तुम्हारे ऐसे होने से ,
क्योंकि आइना बीच में था ,
और तुम्हारे तत्कालीन अक्स भी
वैसे ही थे जैसे
तुम |
पर अब तुम्हे मालूम होगा
आह का मतलब
जो किसी की तन्हाई से निकल
तेरी भीड़ भरी दुनिया से
तुझे छीन ,
दे देगी तुझे भी
अकेलेपन की आग |
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